
भारतीय फुटबॉल टीम ने काफ़ा नेशंस कप में तीसरे स्थान के लिए होने वाले मैच में अपनी जगह सुरक्षित कर ली है। यह संभव हुआ गुरुवार को ताजिकिस्तान और ईरान के बीच खेले गए मैच के 2-2 से ड्रॉ होने के बाद। भारत का क्वालिफिकेशन हेड-टू-हेड रिकॉर्ड के आधार पर तय हुआ, जिसमें ताजिकिस्तान पर उसकी पिछली जीत निर्णायक साबित हुई।
किस तरह भारत ने बनाई जगह
गुरुवार को भारत ने अफ़गानिस्तान के खिलाफ़ एक गोलरहित (0-0) ड्रॉ खेला। इस ड्रॉ के बाद भारत और ताजिकिस्तान, दोनों ने ग्रुप बी में चार-चार अंकों के साथ अपना अभियान समाप्त किया। लेकिन चूँकि भारत ने टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में ताजिकिस्तान को 2-1 से हराया था, इसलिए उसे आपसी मुकाबलों के आधार पर ग्रुप में दूसरा स्थान मिला।
अब भारत 8 सितंबर को तीसरे-चौथे स्थान के लिए प्लेऑफ मैच खेलेगा। उसके प्रतिद्वंद्वी का फैसला शुक्रवार को ताशकंद में ग्रुप ए के मैचों के समापन के बाद होगा। वहीं, ईरान और ताजिकिस्तान के मैच में ईरान के लिए मोहम्मद मोहेबी ने दो गोल किए, जबकि ताजिकिस्तान ने भी वापसी करते हुए दो गोल दागे, लेकिन यह ड्रॉ उन्हें तीसरे स्थान के मैच में जगह दिलाने के लिए काफी नहीं था।
अफ़गानिस्तान के खिलाफ़ भारत का संघर्षपूर्ण प्रदर्शन
इससे पहले अफ़गानिस्तान के खिलाफ़ हुए मैच में भारतीय टीम मिले मौकों को गोल में बदलने में नाकाम रही। अफ़गानिस्तान ने मैच की शुरुआत आक्रामक तरीके से की, लेकिन बेहतर मौके भारत ने बनाए। पंद्रहवें मिनट में आशिक कुरुनियन ने बाईं ओर से एक शानदार मूव बनाया और इरफान यादवाद को पास दिया, लेकिन इरफान का शॉट निशाने से चूक गया।
मैच के 24वें मिनट में भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने अली रज़ा पनाही के एक लंबी दूरी के शॉट पर महत्वपूर्ण बचाव किया। इसके कुछ ही देर बाद यादवाद का एक और शॉट गोलपोस्ट से बाहर चला गया। 34वें मिनट में आशिक ने अफ़गानिस्तान के डिफेंडर महबूब हनीफी से गेंद छीनी, लेकिन गोलकीपर फैसल अहमद हमीदी ने उन्हें रोक दिया। इस टक्कर के लिए आशिक को येलो कार्ड भी दिखाया गया। भारत के लिए अपना पहला मैच शुरू कर रहे जिथिन एम.एस. ने भी हाफटाइम से पहले दो अच्छे मौके बनाए, लेकिन वे गोल में तब्दील नहीं हो सके।
आक्रमण में धार की कमी और चूके हुए मौके
दूसरे हाफ में कोच खालिद जमील ने मनवीर सिंह (जूनियर) और विक्रम प्रताप सिंह को मैदान में उतारा, जिसके बाद भारतीय टीम ने खेल पर बेहतर नियंत्रण दिखाया। लगभग 60वें मिनट में निखिल प्रभु का जिथिन के लिए दिया गया थ्रू बॉल थोड़ा सा चूक गया। 66वें मिनट में जिथिन को एक और मौका मिला, लेकिन उनका शॉट क्रॉसबार के ऊपर से निकल गया।
इस पूरे मैच में भारतीय आक्रमण में फिनिशिंग की समस्या साफ दिखाई दी। इरफान यादवाद, जिन्हें तीनों मैचों में मौका मिला, वन-ऑन-वन स्थिति में भी शॉट को टारगेट पर नहीं रख सके। वहीं, विक्रम प्रताप सिंह कई मौकों पर यह तय नहीं कर पाए कि गेंद को कब पास करना है।
अफ़गानिस्तान का सबसे अच्छा मौका 71वें मिनट में आया जब हुसैन ज़मानी के क्रॉस पर यामा शेरज़ाद का शॉट संधू के हाथों से लगकर क्रॉसबार से जा टकराया। अफ़गानिस्तान के अंत में बनाए गए दबाव के बावजूद, भारत की रक्षापंक्ति ने मजबूती से मुकाबला किया और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
कोच की रणनीति और आगे की राह
इस मैच में कोच खालिद जमील ने महेश नौरेम और जिथिन एम.एस. को शुरुआती एकादश में शामिल करके यह दिखाया कि उनकी कोचिंग सिर्फ़ रक्षात्मक रणनीति तक सीमित नहीं है। टीम ने हाई-प्रेसिंग फुटबॉल खेलने की भी कोशिश की।
यह परिणाम भारत के लिए एक तरह का सुधार है, क्योंकि मार्च 2024 में हुए विश्व कप क्वालिफायर मैच में टीम को अफ़गानिस्तान से हार का सामना करना पड़ा था। अब टीम की नज़रें तीसरे स्थान के लिए होने वाले मुकाबले पर टिकी हैं।