
आईटी क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी विप्रो लिमिटेड ने एक बार फिर बाजार में अपनी स्थिरता और क्षमता का प्रदर्शन किया है। 6 जून को कंपनी का शेयर 248.15 रुपये पर बंद हुआ, जिसमें 0.09% यानी 0.22 रुपये की हल्की बढ़त देखी गई। ट्रेडिंग के दौरान शेयर ने 249.98 रुपये का उच्चतम स्तर और 247.10 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ। इस दिन कुल 28 लाख से अधिक शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई।
बाजार आंकड़े और निवेशकों की नजर
विप्रो का मौजूदा लाभांश प्रतिफल 2.42% है, जबकि कंपनी का पी/ई अनुपात 19.77 और पी/बी अनुपात 3.33 पर है। इसका बाजार पूंजीकरण लगभग ₹2.59 लाख करोड़ है। कंपनी का बीटा 0.3444 होने के कारण इसमें बाजार की तुलना में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, जिससे यह निवेशकों के लिए अपेक्षाकृत स्थिर विकल्प बनता है। वर्तमान ईपीएस 12.54 है, जबकि पिछले 52 हफ्तों में शेयर 219.52 रुपये के न्यूनतम और 324.60 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
ग्लोबल आईटी सेवा प्रदाता के रूप में विप्रो
विप्रो लिमिटेड एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी है, जो परामर्श, डिजिटल सेवाएं, क्लाउड सॉल्यूशंस, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और बीपीओ सेवाओं की एक व्यापक रेंज प्रदान करती है। कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है और इसकी उपस्थिति 60 से अधिक देशों में फैली हुई है। कंपनी का ध्यान कस्टमर-केंद्रित समाधान पर है, जो हर व्यवसाय की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाते हैं।
सेवाओं का विस्तृत दायरा
विप्रो अपने ग्राहकों को कस्टम एप्लिकेशन डेवलपमेंट, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, क्लाउड-आधारित समाधान, डाटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, यह बीपीओ सेवाओं के माध्यम से वित्त, मानव संसाधन और ग्राहक सेवा जैसे कार्यों का प्रभावी प्रबंधन करती है। कंपनी का उद्देश्य व्यवसायों को तकनीकी नवाचारों के जरिए अधिक लचीलापन, दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करना है।
इतिहास और विकास यात्रा
1945 में एम. एच. हसरम प्रेमजी द्वारा स्थापित, विप्रो ने अपनी यात्रा वनस्पति उत्पादों के निर्माण से शुरू की थी। 1966 में अजीम प्रेमजी के नेतृत्व में इसने आईटी क्षेत्र में कदम रखा और धीरे-धीरे वैश्विक आईटी सेवा प्रदाता के रूप में खुद को स्थापित किया। कंपनी की यात्रा नवाचार, अनुकूलन और ग्राहकों की प्राथमिकता पर आधारित रही है।
वित्तीय स्थिति और तिमाही प्रदर्शन
31 मार्च 2023 तक, विप्रो की कुल संपत्ति 12 अरब डॉलर और राजस्व 10 अरब डॉलर से अधिक था। कंपनी का वार्षिक शुद्ध लाभ 1.5 अरब डॉलर के करीब रहा, जो इसकी वित्तीय मजबूती को दर्शाता है। कंपनी का तिमाही प्रदर्शन भी निवेशकों और विश्लेषकों के लिए सकारात्मक संकेत देता है, जहां निरंतर राजस्व वृद्धि और ऑर्डर बुक में मजबूती देखी गई है।
भविष्य की रणनीति और विकास की दिशा
विप्रो का फोकस भविष्य में डिजिटल परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड सेवाओं और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने पर है। इसके अलावा, कंपनी रणनीतिक अधिग्रहण और वैश्विक साझेदारियों के जरिए अपने समाधान और सेवा क्षमताओं को मजबूत कर रही है।
निवेशकों के लिए मजबूत विकल्प
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध विप्रो के शेयर लंबे समय से निवेशकों के बीच विश्वास का प्रतीक बने हुए हैं। तकनीकी नवाचारों, वित्तीय स्थिरता और व्यापक सेवा रेंज के चलते, यह कंपनी भारत की सबसे मूल्यवान आईटी कंपनियों में बनी हुई है।
निष्कर्ष
विप्रो लिमिटेड न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आईटी सेवाओं के क्षेत्र में एक मजबूत और भरोसेमंद नाम बन चुका है। इसकी लगातार वित्तीय मजबूती, रणनीतिक विस्तार और तकनीकी नवाचारों पर आधारित दृष्टिकोण इसे भविष्य में भी एक अग्रणी कंपनी के रूप में बनाए रखने की संभावना को प्रबल बनाता है।